24-08-14

24-08-14    प्रातः मुरली   ओम् शान्ति  “अव्यक्त-बापदादा”   रिवाइज:07-12-78   मधुबन  “बाप समान सम्पूर्ण बनने के चिन्ह” सदा अपने स्मृति की समर्थी से अपने तीनों स्थान और तीनों स्थिति, निराकारी, आकारी और साकारी तीनों स्थिति में सहज ही स्थित हो सकते हो? जैसे आदि स्थिति साकार स्वरूप में सहज ही स्थित रहते हो, ऐसे अनादि निराकारी स्थिति इतनी ही सहज अनुभव होती है? अभी-अभी अनादि, अभी-अभी आदि स्मृति … Continue reading 24-08-14